राजस्थान में बढे बिजली के दाम, 2.50 रुपए महंगी हुई बिजली

उद्योग श्रेणी की बिजली दर के मामले में देश के 28 राज्यों में राजस्थान पांचवें नंबर पर हैं। वहीं पड़ोसी राज्यों की अपेक्षा राजस्थान को संचालित औद्योगिक इकाइयों को ढाई रुपए ज्यादा यूनिट दर चुकाना पड़ रही है। राज्य में औद्योगिक इस्तेमाल के लिए बिजली दर 8.45 रुपए प्रति यूनिट है।
वही 5.88 रुपए यूनिट दर गुजरात की अधिकतम बिजली दर है। यही मुख्य वजह है कि उद्योगपति राजस्थान आने की बजाय हरियाणा या गुजरात की तरफ ज्यादा बढ़ रहे हैं। वही राज्य में औद्योगिक श्रेणी के बिजली दर कम करने की आवश्यकता निरंतर जताई जा रही है। परंतु दर कम करने के बजाय डिस्कम्स का मुख्य उद्देश्य दूसरी तरीके से छूट देने पर अधिक है। जिसके कारण इसमें सुधार नहीं हो पा रहा है।
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सस्ती बिजली पर निर्भर ज्यादा निवेश
यदि राजस्थान में बिजली दर सस्ती होगी तो औद्योगिक निवेश में भी तेजी आएगी। क्योंकि उत्पादन लागत में कमी आएगी। वही लगातार इस तर्क पर औद्योगिक संगठन बात करते आ रहे हैं । हालांकि बिजली दर को कम करने की जगह सरकार को सब्सिडी देने के लिए डिस्कम्स कहते आए हैं। ऐसे में न तो सरकार आवश्यक सब्सिडी दे रही है और ना ही बिजली की दर कम हो रही है।
राजस्थान के पडोसी राज्यों में बिजली दर
राजस्थान – 7.71 से 8.45 रुपए प्रति यूनिट
हरियाणा – 7.08 से 7.93 रुपए प्रति यूनिट
गुजरात – 5.72 से 5.88 रुपए प्रति यूनिट
पंजाब – 6.72 से 7.53 रुपए प्रति यूनिट
(इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, विद्युत शुल्क और फिक्स चार्ज शामिल है। छूट अतिरिक्त है। )
बिजली दर में टॉप राज्य
उत्तर प्रदेश – 8.67 से 9.97 रुपए प्रति यूनिट
दिल्ली – 8.87 से 9.95 रुपए प्रति यूनिट
बिहार – 8.44 से 8.61 रुपए प्रति यूनिट
कर्नाटक – 8.17 से 8.90 रुपए प्रति यूनिट
(इसमें वृहद, लघु और मध्य औद्योगिक इकाइयों की विद्युत दर सम्मिलित है।)