गहलोत सरकार: राजस्थान में अध्यापकों को गहलोत सरकार ने बहुत बड़ा झटका दे दिया है इससे काफी लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। दोस्तों मामला कुछ ऐसा है की गहलोत सरकार ने तृतीय श्रेणी के अध्यापकों का तबादला पॉलिसी ड्राफ्ट वापस लौटा दिया है और यह नोटिस भी जारी कर दिया है कि अब तबादले नहीं होंगे। इसके साथ साथ करीब 800 से ज्यादा प्रिंसिपल को परीक्षा परिणाम को लेकर कारण बताओ का नोटिस भी जारी किया गया है। दोनों मामलों के कारण गहलोत सरकार के प्रति तृतीय श्रेणी अध्यापकों का आक्रोश देखा जा रहा है काफी समय से यह अध्यापक अपने तबादले की आड़ में इंतजार कर रहे थे लेकिन सरकार ने इनके सपनों पर पानी फेर दिया है।
सूचना के अनुसार कार्मिक विभाग ने तबादला पॉलिसी ड्राफ्ट शिक्षा विभाग को वापस लौटा दिया है साथ ही शिक्षा विभाग ने इस पॉलिसी पर दोबारा से विचार विमर्श करने को भी कहा है। तबादला पॉलिसी ड्राफ्ट वापस देने पर शिक्षकों के सपनों पर पानी फिरने जैसा है। इसका विरोध करते हुए शिक्षक संगठनों ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई है और गहलोत सरकार के प्रति आंदोलनों का भी आवाहन किया है

क्यों जो जारी हुआ यह नोटिस
दोस्तों तबादला पॉलिसी ड्राफ्ट को वापस लेने के बाद गहलोत सरकार नहीं रुकी। इसके साथ साथ इन्होंने करीब 800 प्रिंसिपल को नोटिस जारी करके न्यूनतम परिणाम रहने का कारण बताओ नोटिस जारी किया । इससे काफी प्रिंसिपल आक्रोशित है उनका कहना यह है कि स्कूल में टीचर्स नहीं है तो उनको अच्छा परिणाम कहां से मिलेगा।
शिक्षकों की कमी और न्यूनतम परिणाम
राजस्थान में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी काफी है जिससे इस बार काफी परिणाम कम रहा है। इस कमी के कारण राजस्थान में शिक्षा का ढांचा लड़खड़ा गया है। सरकारी स्कूलों में टीचर्स के हजारों पद खाली पड़े हैं। और जो है वह तबादलों की मारामारी में घूम फिर रहे हैं। सरकार को जल्द से जल्द शैक्षणिक ढांचे को पटरी पर लाना पड़ेगा अन्यथा ऐसे ही न्यूनतम परिणाम आपको देखने को मिलते रहेंगे।