Google पे,फ़ोन पे की होगी छुट्टी सरकारी ऐप भाषिणी करेगा सभी तरह के भुगतान

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नाम होगा भाषिणी
भारत सरकार आम नागरिकों के लिए ऐसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित एप्लिकेशन ला रही है जो डिजिटल लेनदेन में क्रांति ला देंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित इस ऐप में आपको बस एक आवाज निकालनी है। यह सभी भाषाओं में उपलब्ध होगा. आइए जानते हैं यह कैसा है. क्या पूरा सिस्टम काम करेगा?

भाषाई समावेशन के लिए प्रमुख पहल: अब केवल आवाज से करें डिजिटल लेनदेन!
अब एलपीजी गैस सिलेंडर बुक करने के लिए आपको सिर्फ ‘बुक एलपीजी गैस’ बोलना होगा। सरकार की पहल से मोबाइल यूजर्स जल्द ही अपनी भाषा में बोलकर बिजली भुगतान से लेकर फास्टैग रिचार्ज तक कई सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।

भाषिनी: डिजिटल लेनदेन में आवाज की शक्ति
सरकार द्वारा शुरू किए गए भाषाई एआई प्लेटफॉर्म ‘भासिनी’ के माध्यम से नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के तहत आवाज-आधारित सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। इन नई सुविधाओं में बैंक खाते का बैलेंस चेक करना, मर्चेंट लेनदेन, बिजली भुगतान, फास्टेग रिचार्ज, मोबाइल और फिक्स्ड लाइन भुगतान, गैस भुगतान, चालान भुगतान, मेट्रो कार्ड रिचार्ज और बीमा नवीनीकरण भी शामिल होंगे।

डिजिटल और साक्षरता विभाजन को पाटने की दिशा में
भाषिनी के सीईओ अमिताभ नाग ने कहा, “हम डिजिटल और साक्षरता के अंतर को पाटने का प्रयास करते हैं।” उन्होंने कहा कि आवाज का उपयोग करते समय आपको मशीनों के डिजिटल संचालन से परिचित होने की आवश्यकता नहीं है। इसका प्रयोग अनपढ़ व्यक्ति भी आसानी से कर सकता है।

महत्वपूर्ण सूचना तालिका:
मंच: भाषिनी
लक्ष्य: आवाज आधारित डिजिटल लेनदेन
पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न: ‘बाशिनी’ क्या है?
उत्तर: यह सरकार द्वारा विकसित एक भाषाई एआई है। एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म जो ध्वनि-आधारित डिजिटल लेनदेन को सक्षम बनाता है।
प्रश्न: क्या यह तकनीक सभी भाषाओं में आवाज समझेगी?
उत्तर: हां, योजना यह है कि उपयोगकर्ता अपनी पसंद की भाषा में सेवा का उपयोग कर सकेंगे।
प्रश्न: क्या इस सेवा का उपयोग करने के लिए मुझे डिजिटल ज्ञान होना आवश्यक है?
उत्तर: नहीं, वॉयस का उपयोग करते समय आपको डिजिटल संचालन का ज्ञान होना आवश्यक नहीं है।