चंद्रयान-3 चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है, इससे एक दिन पहले इसने पृथ्वी की कक्षा छोड़ी और एक अनुवादक प्रक्षेप पथ में प्रवेश किया। अभी तक चंद्रयान पृथ्वी की पांचवीं कक्षा में चक्कर लगा रहा था। अब यह चंद्रमा की कक्षा की ओर बढ़ रहा है। इसरो इसे 5 अगस्त को पहली बार चंद्रमा की कक्षा में स्थापित कर सकता है।
चंद्रयान-3 भारत का महत्वाकांक्षी मिशन है, इस मिशन की सफलता के साथ भारत चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा। अब तक अमेरिका, रूस और चीन यह कारनामा कर चुके हैं। चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था और 23 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी है।
अगली यात्रा कैसी होगी?
चंद्रयान-3 अब अपनी यात्रा के अगले चरण में है, यह चंद्रमा की कक्षा में जाने के लिए पृथ्वी से निकल चुका है, इसरो के मुताबिक इसे 5 अगस्त को पहली बार चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यानी अब तक पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा चंद्रयान 5 अगस्त के बाद चंद्रमा की परिक्रमा करेगा और धीरे-धीरे प्रत्येक कक्षा को पार करते हुए चंद्रमा की मुख्य कक्षा तक पहुंच जाएगा।
फिर क्या होगा?
इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 5 अगस्त को पहली बार चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा। इसके बाद यह 9 अगस्त को अगली कक्षा में पहुंचेगा, इसके बाद 14, 16 अगस्त और फिर 17 अगस्त को आखिरी पड़ाव पर पहुंचेगा। यह वह तारीख होगी जब चंद्रयान प्रोपल्शन मॉड्यूल जारी करेगा और लैंडिंग के लिए पूरी तैयारी शुरू करेगा। यानी धीरे-धीरे अपनी गति कम करते हुए यह चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ेगा और 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।
एक लैंडर और एक रोवर चांद पर उतरेंगे
विक्रम लैंडर 23 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए जिम्मेदार होगा, प्रोपल्शन मॉड्यूल इसे चंद्रमा तक ले जाएगा, जो 17 अगस्त को इससे अलग हो जाएगा। लैंडर विक्रम आगे का काम संभालेगा और रोवर प्रज्ञान को चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लाया जाएगा. इसके बाद रोवर प्रज्ञान लैंडर से अलग हो जाएगा और चंद्रमा की सतह से महत्वपूर्ण डेटा एकत्र करेगा।