राजस्थान के करोली में चम्बल नदी उफान पर, आस-पास के गांवों पर आयी मुसीबत

हम सभी जानते है की बारिश का कहर चारो तरफ फैला हुआ है। चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ है। सभी इस वर्षा से परेशान हो चुके है। लोगो के घरों में भी पानी आ गया है सारा सामान नष्ट हो गया है। जिस नदी की बात करे वही उफान पर है। आज हम चर्चा कर रहे है राजस्थान में करोली की।
राजस्थान के करोली में चम्बल नदी उफान पर है। चम्बल नदी ने राजस्थान के करोली जिले में रौद्र रूप ले लिया है। हम आपको बता दे की करोली में कोटा बैराज है। जिसके द्वारा पानी की भारी निकासी हो रही है जिसके चलते जिले में चम्बल नदी अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। चम्बल नदी खतरे के निशान से करीब 5 मीटर ऊपर बह रही है।

वर्तमान में चम्बल नदी का जलस्तर 170.050 मीटर पर चला गया है। आज से पहले 23 अगस्त 1996 को चम्बल नदी का जलस्तर 169.960 मीटर पर पहुंच गया था। जबकि आपकी जानकारी के लिए बता दे की चम्बल नदी का असली निशान 165 मीटर पर है।

राजस्थान में चम्बल नदी ने तोडा 26 साल का रिकॉर्ड
इस बार चम्बल नदी ने अपना 26 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जिसके कारण कई दर्ज़न गावो पर संकट छा गया है। स्थिति कुछ ऐसी बन गयी है नदी का पानी भर जाने के कारण लोगो को अपने घरो की छत पर शरण लेनी पड़ रही है।
वैसे तो सरकार के प्रयासों में कोई कमी नहीं है और वो निरंतर स्थिति पर नज़र बनाये रखे हुए है। गुरुवार को तड़के चम्बल नदी का जलस्तर लगातार तेज गति से बढ़ते हुए 170.050 मीटर पर जा पहुंचा है। जिसके कारण करणपुर मंडरायल के इलाको में दर्जनों गांव के हज़ारो ग्रामीण के लिए चम्बल आफत बन गई।
नदी के बढ़ते स्तर को देखते हुए करणपुर मंडरायल इलाके में नदी के तटवर्तीय गावो में बाढ़ के हालात बने हुए है। करीब एक दर्जन गावो और ढाणियो को खाली कराया जा चूका है। इलाके के 50 से अधिक गावो के रास्ते बंद हो गये है। कसेड की पुलिया पर लगभग 15 से 20 फ़ीट पानी होने से बिजली के कई पोल और तार पानी मै डूबे हुए है।
इससे करणपुर -रोधई सहित उस क्षेत्र के दर्जनों गांव में तीन दिन से बिजली आपूर्ति भी बंद है. कोटा बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने की सूचना पर मंगलवार सुबह से ही राजस्थान सरकार ने गांवो को खाली कराना शुरू कर दिया था। बचाव दलों ने करणपुर और मंडरायल के तटवर्तीय के एक दर्जन गाँव ढाणी खाली कराकर लोगो को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

राहत शिविर बनाये गए
मण्डरायल, कसेड, रोधई और महार, जपुरा में राहत शिविर बनाये गए है। पुलिस प्रशासनिक अधिकारी के साथ एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस टीम ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में निरंतर रूप से जुटी है।
बुधवार को जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने भी प्रभावित इलाको का दौरा कर हालात जाने।
बुधवार को दिनभर भी चम्बल का स्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर रहा। जिसके कारण नदी किनारे बसे गाँव झोपडी पानी मैं डूबे रहे। लगातार बढ़ते जल स्तर के कारण वहाँ के लोगो ने अपने घरो को खली कर दिया। कुछ लोग मवेशी और घर के सामान के साथ गाँव में ऊचाई वाले स्थान पर चले गये।
चम्बल नदी के जल स्तर मैं और बढ़ोतरी होने से महाराजपुर पंचायत के गावो में अफरातफरी की स्थिति रही। लोग घरो को खाली करके घरेलु सामान सहित महाराजपुरा के अटल सेवा केंद्र पुलिस चौकी और वन विभाग की चौकी में बनाये गए रहत शिविर में शरण लेने पहुँच गए।