Jaisamand Lake Overflow : मानसून अच्छी बारिश की वजह से संभाग में अब तक सभी मुख्य जिले बांध जलाशय पूरी तरह से गिर चुके हैं दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की झील जयसमंद कुछ लगने का लोग बहुत समय से इंतजार कर रहे थे वह भी हो गया यह एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील भी है जय संबंध में पुलिस ने की क्षमता 27 पॉइंट 5 के मुकाबले 27 पॉइंट 5 फीट पानी आ चुका है। इसको फैलाने के लिए 1 इंच पानी की जरूरत थी इसके बाद ओवरफ्लो पॉइंट से पानी चलकने लगा था साल 1997 के बाद में झील में दसवीं बार कितना पानी गिरा है सन 1974 में भी झील 23 सितंबर को ही घिरी थी।
दरअसल जयसमंद के जल ग्रहण क्षेत्र में बीते दिन हुई भारी बारिश की वजह से इसका जलस्तर बहुत तेजी से बढ़ चुका है. जय संबंध की लहरें हवा के साथ में पाल पर हाथी के पैर मार रही है, इस दृश्य को देखने के लिए शुक्रवार से ही सैकड़ों की संख्या में सैलानी झील की पाल पर जमा हो गए थे. इससे पहले जयसमंद 2 साल पहले लीक हुई थी जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता निर्मल मेघवाल ने कहा कि जयसमंद झील में अच्छी आवक से किसानों में खुशी का माहौल है। जयसमंद सिंचाई और पेयजल की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण झील है।
Jaisamand Lake Overflow : गिरते हैं 9 नदियां और 99 नाले
जयसमंद झील में 9 नदियां और 99 नाले गिरते हैं, इनकी कुल भरने की क्षमता 14000 FCFT है। भरने की क्षमता और क्षेत्रफल की दृष्टि से बहुत बड़ा होने की वजह से इसे फुल होने का समय भी लगता है. जयसमंद के जल ग्रहण क्षेत्र में कई ऐसे बड़े एनीकट हैं जिसके बाद झील में पानी पहुंचने लगता है उदयपुर में अब तक औसतन 727.29 मिमी की तुलना में 804 मिमी बारिश दर्ज की गई है. अच्छी बारिश की वजह से शहर के मुख्य जिले फतेहसागर पिछोला झील स्वरूप सागर आदि मानसून के छठे दौर तक गिर चुकी है, जिले में 51 में से 45 बांध और जलाशय पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं।
जयसमंद में 9 नदियाँ और 99 नाले गिरते हैं 9 नदियाँ और 99 नाले जयसमंद झील में गिरते हैं। इसकी कुल भरने की क्षमता 14,000 FCFT है। भरने की क्षमता और क्षेत्रफल की दृष्टि से बहुत बड़ा होने के कारण इसे फुल होने में समय लगता है। जयसमंद के जलग्रहण क्षेत्र में कई बड़े एनीकट हैं जिसके बाद झील में पानी पहुंचने लगता है। उदयपुर में अब तक औसतन 727.29 मिमी की तुलना में कुल 804 मिमी बारिश हुई है। अच्छी बारिश के कारण शहर की प्रमुख झीलें फतेहसागर, पिछोला, स्वरूपसागर आदि मानसून के छठे दौर तक गिर चुकी हैं। जिले के 51 में से 45 बांध और जलाशय जलमग्न हो गए हैं।