Pawan Chakki For Home : जयपुर में पवन चक्की छत पर लगाकर ही ये आदमी बना रहा है बिजली, इतना सारा है बिजली का प्रोडक्शन

Pawan Chakki For Home : देशभर में चारों तरफ प्राकृतिक संसाधनों की कमी के चलते हुए बिजली की बहुत अधिक समस्या चारों तरफ देखने को मिल रही है. जिसकी वजह से बहुत सी समस्याओं का सामना भी लोगों को करना पड़ रहा है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि प्राकृतिक संसाधनों के अलावा बिजली उत्पादन का कोई और जाइए हमारे यहां मौजूद नहीं है। इसके लिए लोगों में जागरूकता होने की जरूरत है। ऐसे बहुत से तरीके हैं जिनसे खुद भी बिजली का उत्पादन कर सकते हैं। इसी बात को सच करके जयपुर के मानसरोवर में रहने वाले द्वारका प्रसाद ने करके दिखा दिया। द्वारका प्रसाद में अपनी छत पर 1 किलो वाट की पवन चक्की लगाकर बिजली बनाने का काम किया।
इस विषय में बेंगलुरु की एक कंपनी ने हवा के दबाव को ध्यान में रखते हुए पवन चक्की लगाने से मना कर दिया था लेकिन उन्होंने अपने हौसले और जज्बे के दम पर इस बार को पूरा करने के लिए पूरी तरह से ठान लिया था और इस सपने को उन्होंने 1 साल की कड़ी मेहनत और कोशिश के बाद में सच करके दिखा दिया और एक सिस्टम को इंस्टॉल कर लिया। इसी बीच करीब ₹100000 का खर्चा आया। सबसे अहम बात यह है कि इस पवन चक्की को लगाने से बिजली के लिए 6 घंटे तक कम से कम 3 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से हवा मिल जाए तो 4 यूनिट बिजली आसानी से बनाई जा सकती है।
Pawan Chakki For Home : कैसे दिमाग में आया पवन चक्की का आईडिया
इसके विषय में द्वारका प्रसाद बताते हैं कि 1 दिन उन्होंने मकान के सामने एक झंडे को लहराते हुए देखा था। झंडा कम हवा में भी बहुत अच्छे से लहरा रहा था। इससे पता चल रहा था कि हवा का दबाव ऊपर की तरफ ज्यादा है। इसी तरह की घटनाओं को देखकर उनके मन में विचार आया था क्यों ना पवन चक्की के द्वारा बिजली को पैदा किया जाए। इसके बाद पवनचक्की लगवाने के लिए बेंगलुरु की कंपनी के उन्होंने संपर्क किया। जिसके बाद इंजीनियर उनके घर पर आए लेकिन हवा के दबाव को देखकर उन्होंने पवन चक्की को घर में लगाने से मना कर दिया।
द्वारिका प्रसाद ने बताया कि उनके घर में आज के समय में 5 सीएफएल 5, पंखे,एलईडी, कंप्यूटर, कूलर, ई स्कूटी, पंप मशीन सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे हुए हैं। वहीं इन दिनों सोलर पावर की शहर में डिमांड बढ़ रही है। शहर में नेट मीटरिंग बिजली कनेक्शन 30% रूफटॉप सोलर पर है. जब भी 916 प्लांट केवल वैशाली नगर में ही मौजूद है. यहां पर 7500 कनेक्शन पर सोलर प्लांट लगे हुए हैं. जिनकी क्षमता 124 मेगावाट की है. इस वजह से बड़ी मात्रा में यहां पर बिजली का उत्पादन किया जाता है।
यहां 1 किलो वाट में 40 फ़ीसदी और 4 से 10 किलो वाट में 30% की सब्सिडी की सुविधा भी मिलती है. सोलर प्लांट हर महीने 400 यूनिट बिजली जनरेट भी करता है. इस दौरान 8 पॉइंट 1 किलो वाट की बिजली पर तकरीबन ₹35000 का खर्चा आ ही जाता है. ऐसे में कहा जा सकता है कि प्रकृति और वातावरण की शुद्धता के लिए उठाया गया द्वारका प्रसाद का यह कदम बहुत ही सराहनीय है।