पीएम किसान सम्मान निधि योजना से 70 लाख किसान होंगे बाहर, कब जारी होगी किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त

पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 12वीं किस्त का देश के सभी किसानों को बेसब्री से इंतजार है। केंद्र सरकार के द्वारा अब तक किसानों के खातों में 11 किस की राशि को ट्रांसफर किया जा चुका है, लेकिन 12वीं किस को जारी करने की सरकार के द्वारा पूरी तरह से तैयारी हो चुकी है। इसी बीच खबर आ रही है कि 5 सितंबर को मोदी सरकार देश के सभी किसानों को एक बड़ी सौगात देते हुए सभी किसानों के खातों में दो- ₹2000 डाल सकती है।
नरेंद्र मोदी सरकार में कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हाल ही में राज्यों के साथ में बैठक कि इसमें राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश,गुजरात, मध्य प्रदेश महाराष्ट्र, बिहार समेत कई राज्यों के कृषि मंत्रियों ने भी इस बैठक की।
सभी मंत्रियों ने किसान सम्मान निधि को लेकर अपने अपने प्रस्ताव रखें। केंद्र सरकार ने भी राज्यों को निर्देश दिए कि किसानों का डेटाबेस तैयार करके वेरिफिकेशन का काम तेजी से बढ़ा दे। इसके अलावा यह भी निर्देश दिए कि कोई भी छात्र किसान इस योजना से वंचित नहीं रहना चाहिए सभी पात्र किसानों को इस योजना का पूरा फायदा मिलना चाहिए।
पीएम किसान सम्मान निधि : 70 लाख किसानों को लगा झटका
पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 12वीं की किस्त के लिए किसानों को ई-केवाईसी करवानी जरूरी होगी। लेकिन ईकेवाईसी की आखिरी तारीख तो अब निकल चुकी है। ऐसे में जिन किसानों ने अपने बैंक खातों की ईकेवाईसी नहीं करवाई है। उन किसानों के लिए किसान सम्मान निधि की अगली किस्त आने में बहुत परेसानी का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक इस तरह के आंकड़ों को लेकर कोई स्पष्ट रूप से जानकारी नहीं आई है कि कितने किसानों ने ई केवाईसी करवाई है और कितने किसान इस योजना से वंचित रह पाएंगे एक अनुमानित आंकड़ा 7000000 किसानों का बताया जा रहा है इस बात की पुष्टि आने वाले एक-दो दिन में पूरी हो जाएगी।
पीएम किसान सम्मान निधि की 12वीं की किस्त को जारी करने के लिए देश के सभी किसानों को बहुत इंतजार है। क्योंकि अब तक 11 किस्ते सरकार के द्वारा जारी हो चुकी है जिसमें दो लाख करोड़ से भी ज्यादा रुपए किसानों के खातों में पहुंच गए हैं नरेंद्र मोदी सरकार ने इस योजना को फरवरी 2019 में शुरू किया था। जिसमें किसानों को हर महीने ₹6000 की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए जाते थे।