दोस्तों हाल ही में राजस्थान में भगवान शिव की ऐसी प्रतिमा का अनावरण किया गया है जो कि विश्व की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा है। इस शिव प्रतिमा का नाम “विश्वास स्वरूपम” है। जिसका निर्माण राजस्थान के जाने-माने उद्योगपति मदन पालीवाल ने करवाया है। मदन पालीवाल राजस्थान के एक कारोबारी है जिन्होंने काफी छोटे से स्तर से अपना कारोबार शुरू किया था और आज इस लायक हो गए कि वह 300 करोड़ पर खर्च करके भगवान शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा बनवा सकें। आइए हम आपको उनके इस जीवन के बारे में बताते हैं।

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देखा था एक सपना

मदन पालीवाल का जन्म एक धार्मिक माहौल वाले इलाके में हुआ था और वहीं से उनमें भगवान शिव के प्रति आस्था जगी और वह भगवान शिव के परम भक्त बन गए। मदन पालीवाल ने अपना कारोबार जब अपने बेटे को सौंप दिया तो उन्हें लगा कि अब मुझे अपने सपने की ओर बढ़ना चाहिए और उनका सपना यह था कि यह वह भगवान शिव की एक ऐसी प्रतिमा बनाए जो कि विश्व विख्यात हो। उन्होंने अपने सपने के पीछे काफी कड़ी मेहनत की और आज उसका फल यह निकला कि उन्होंने “विश्वास स्वरूपम” को बनाया जिसका लोकार्पण कार्य अभी भी चल रहा है।

मदन पालीवाल

मदन पालीवाल ने 50 की उम्र में अपना कारोबार बेटे को सौंपने के बाद करीब 10 साल अपने सपने के पीछे दिए और इसके लिए वह पूरे देश में घूमे तथा बड़ी मूर्तियां बनाने वाले कारीगरों से मिले। उन्होंने काफी प्रयत्न किया लेकिन उन्हें वैसा मूर्तिकार नहीं मिल रहा था जो उन्हें चाहिए था। लेकिन आखिरकार वह राजस्थान के एक मूर्तिकार नरेश कुमावत से मिले जिनसे मिलकर उन्हें विश्वास आया कि यह मेरा काम कर सकते हैं।

दिया सफलता मंत्र

मदन पालीवाल कहते हैं कि हमें अपना सपना पूरा करने के लिए काफी मेहनत करनी होगी और उसमें विश्वास भी रखना होगा कि हां मैं यह कर सकता हूं बिना विश्वास के कोई भी काम पूरा नहीं हो सकता। मेरे जीवन में भी काफी उतार-चढ़ाव आए हैं लेकिन मुझे विश्वास था कि अगर मैं ₹200 से चलकर इतना बड़ा काम कर सकता हूं तो और भी बहुत कुछ कर सकता हूं मैंने खुद पर विश्वास रखा। इन 200 रुपए से उन्होंने मिराज जर्दा उद्योग और इसे ही मिराज नमकीन जैसे काफी फूड प्रोडक्ट बनाए। उसके बाद फिल्मों के निर्माण में भी हाथ आजमाया और आज वो 1000 करोड़ से भी ज्यादा के मालिक बन गए है।

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