सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आनन फानन में लिखा पत्र, ये है इसके पीछे का राज

राजस्थान में सियासी संकट चल ही रहा है. एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं और दूसरी तरफ पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट. इन दोनों के बीच कोई ना कोई खींचतान चलती ही रहती है. अब पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र लिखा है. इस पत्र के पीछे की वजह लोगों को समझ में नहीं आ रही है. लोग अंदाजा लगा रहे हैं कि आखिरकार इस लेटर में क्या लिखकर सचिन पायलट ने अशोक गहलोत को भेजा होगा?
हम आपको बता देते हैं कि सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने लोक देवता वीर तेजाजी महाराज के नाम पर प्रदेश सरकार में एक बोर्ड के गठन किए जाने की मांग की है. सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री जी को याद दिलाते हुए कहा है कि पिछले काफी लंबे समय से प्रदेश सरकार में वीर तेजाजी महाराज के नाम पर एक बोर्ड गठन की मांग की गई थी जो अभी तक लंबित है.
इस पत्र में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने यह भी लिखा है कि राज्य के निवासियों की भावनाओं को आहत ना करते हुए राज्य सरकार जल्द से जल्द वीर तेजाजी महाराज के नाम पर एक बोर्ड का गठन करें. जिससे कि प्रदेशवासियों की भावनाओं को ठेस ना पहुंचे.
पत्र में की इस बोर्ड के गठन की मांग
राजस्थान के साथ साथ अन्य पड़ोसी राज्यों और देश के अलग-अलग राज्यों में लोक देवता वीर तेजाजी को पूजा जाता है. इसके अलावा लाखों करोड़ों की संख्या में वीर तेजाजी महाराज के अनुयायी भी हैं. अगर राज्य सरकार वीर तेजाजी महाराज के नाम पर बोर्ड का गठन करेगा तो किसानों को मजबूती प्रदान होगी और उनके विकास के लिए नई योजनाएं भी बनाई जा सकेगी.
मुख्यमंत्री से निवेदन करना चाहता हूँ कि प्रदेशवासियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार जल्द से जल्द वीर तेजाजी महाराज बोर्ड का गठन करें.
कौन थे वीर तेजाजी?
वीर तेजाजी जाट समुदाय के आराध्य देव माने जाते हैं. जिन्हें राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के साथ-साथ मध्यप्रदेश में भी मुख्य रूप से पूजा जाता है. किसान खेत में हल जोतने से पहले हैं, अपने खुशहाली के लिए वीर तेजा जी की पूजा करते हैं. तेजाजी को वचन का पक्का लोक देवता माना जाता है. तेजाजी ने सर्प देवता को वचन दिया था कि वह गायों को छुड़ाकर वापस लौटेंगे और वापस आकर उन्होंने अपने प्राण सर्प देवता को अर्पित कर दिए. इसलिए आज भी अगर किसी को सांप काट लेता है तो उसे तेजाजी महाराज की तांती बांधी जाती है. उनकी घोड़ी का नाम लीलण और पत्नी का नाम पेमल था.