विवेकानंद जी का जन्म कोलकाता में 12 जनवरी 1863 को हुआ था, उनके पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट में वकील थे । विवेकानंद जी का असली नाम नरेंद्रनाथ था। वह बचपन में अपनी मां भुवनेश्वरी देवी से बहुत प्रभावित थे, उनकी माँ धार्मिक विचारों की महिला थीं। 25 साल की उम्र में ही नरेंद्रनाथ ने सांसारिक मोह माया छोड़ संन्यास ले लिया था | तब सभी लोग उनको विवेकानन्द के नाम से जानने लगे |
उन्होंने युवाओं को आगे बढ़ने के लिए कई प्रेरणादायक बातें बताईं। विवेकानंद जी ने अमेरिका में आयोजित धर्म संसद में हिंदी में अपने भाषण की शुरुआत की तो हर दिल को जीत लिया। 2 मिनट तक आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो उनके भाषण के बाद तालियों से गूंजता रहा । लोग उनके भाषण सुनने के लिए घंटो प्रतीक्षा करते थे । उनके हर अनमोल वचनों को और प्रेरणादायक बातों को लोग आज भी याद करते हैं। आगे बढ़ने, मेहनत करने और सफलता के मूलमंत्र के तौर पर उनकी बातें सभी को प्रोत्साहित करती हैं। महान गुरु रामकृष्ण परमहंस का सानिध्य पाकर नरेंद्र से विवेकानंद की यात्रा पूर्ण करने वाले विवेकानंद जी के विचार सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। स्वामी विवेकानंद की जयंती को भारत राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाता है।
Swami Vivekananda Jayanti : भारत में स्वामी विवेकानंद जी की जयंती को पूरे उत्साह और खुशी के साथ राष्ट्रीय युवा दिवस “युवा दिवस” या “स्वामी विवेकानंद जन्म दिवस” के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को हर वर्ष रामकृष्ण मिशन के केन्द्रों पर, रामकृष्ण मठ और उनकी कई शाखा केन्द्रों पर भारतीय संस्कृति और परंपरा के अनुसार मनाया जाता है । इसे आधुनिक भारत के निर्माता स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को याद करने के लिये मनाया जाता है।
1984 में भारतीय सरकार द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को मनाने की घोषणा की गयी तब से स्वामी विवेकानन्द की जयंती 12 जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाती है। स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के अवसर पर उन्हें याद करते हुए सभी अपनों को आप कोट्स और मैसेजेस के जरिये शुभकामनाएं भेज सकते हैं।
” खुद में विश्वास रखो और इस विश्वास पर खड़े हो जाओ, शक्तिशाली बनो, इसी की हमें ज़रूरत है” …. विवेकानंद जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं ।
” एक विचार चुनिए और उस विचार को अपना जीवन बना लीजिए. अपने दिमाग, अपने शरीर के हर अंग को उस विचार से भर लें, बाकी सारे विचार छोड़ दें. यही सफलता का रास्ता है” .. Happy Vivekananda Jayanti