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Temples Of Rajasthan : धार्मिक आस्था से भरा राजस्थान, जानें यहां के 20 प्रमुख ऐतिहासिक मंदिरों के बारे में

Temples Of Rajasthan : धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत से भरपूर राजस्थान भारत का सबसे खूबसूरत राज्य है। यहां इतिहास तो है ही साथ ही धर्म में विश्वास रखने वाले लोगों की धरोहर भी है। भारत के अन्य राज्यों की तुलना में लोग राजस्थान में आज भी पूजा अर्चना में बहुत विश्वास रखते है। राजस्थान अपने ऐतिहासिक मंदिरों, ऐतिहासिक किलों, भव्य इमारतों और आकर्षित पर्यटन स्थलों के लिए पर्यटकों को बेहद भाता है। राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध मंदिरों का निर्माण वर्षो पहले यहां के राजा महाराजाओं ने करवाया था।

Temples Of Rajasthan

राजस्थान के हर मंदिर (Temples Of Rajasthan) का अपना इतिहास और विशेषता है , जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है। राजस्थान के किलों, महलों से तो सभी वाकिफ हैं, लेकिन यहां के मंदिरों (Temples Of Rajasthan) के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। इन मंदिरों में हर रोज हजारों की तादाद में भक्त पहुंचते हैं। आज के इस लेख में हम आपकों राजस्थान के 20 प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानकारी देने वाले हैं।

Temples Of Rajasthan

Temples Of Rajasthan : यहां के 20 प्रमुख ऐतिहासिक मंदिर

  1. बिड़ला मन्दिर
    यहां मंदिर राजस्थान के जयपुर में मोती डंगरी पर्वत के नीचे स्थापित है। बिरला मंदिर लक्ष्मी-नारायण को समर्पित बहुत ही आकर्षक मंदिर है। बिरला मंदिर का निर्माण सन 1998 में बिरला परिवार द्वारा किया गया था। बिरला मंदिर का निर्माण सफ़ेद संगमरमर के पत्थरों से किया गया है। इस प्रसिद्ध मंदिर में तीन गुम्बद बने हुए हैं, जो तीन प्रमुख धर्मों हिन्दू, इस्लाम और ईसाई धर्म के प्रतीक माने जाते है।
  2. ब्रह्मा मंदिर
    राजस्थान के पुष्कर में स्थित ब्रह्मा मंदिर बेहद आकर्षक धार्मिक पर्यटन स्थल है। भगवान ब्रह्मा का मंदिर एकमात्र पुष्कर में ही है। यह मंदिर 14 वीं शताब्दी में ऋषि विश्वामित्र द्वारा बनवाया गया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार ब्रह्मा जी ने इस मंदिर के स्थान पर यज्ञ किया था। संगमरमर से बने इस मंदिर के बाहर पवित्र पुष्कर झील बहती है, जहां श्रद्धालु स्नान करते है। ब्रह्मा मंदिर में जगतपिता ब्रह्मा जी के साथ उनकी पत्नी ज्ञान की देवी सरस्वति की मूर्ती स्थापित है। कार्तिक पूर्णिमा के दौरान यहां मन्दिर में हजारों की संख्या में भक्तजन दर्शन करने आते हैं।
  3. अंबिका माता मंदिर
    राजस्थान के उदयपुर से 50 किलोमीटर दूर जगत नामक गाँव में अम्बिका माता का मंदिर स्थित है। इस मंदिर में मां दुर्गा के अम्बिका रूप की पूजा होती है। लगभग 10 वीं शताब्दी के दौरान बने इस मंदिर की संरचना इतनी आकर्षक है कि यहाँ श्रद्धालुओं से ज्यादा पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। मंदिर के बाहरी परिसर में देवी-देवताओं की विभिन्न मूर्तियां, दरबार नर्तक, संगीतकार और अपसराओं के चित्र मंदिर की सुन्दरता में चार चाँद लगाते हैं। अम्बिका माता मंदिर पहाड़ी महल के समान प्रतीत होता है।
  4. करणी माता मंदिर
    राजस्थान के प्रसिद्ध मंदिरों (Temples Of Rajasthan) में बीकानेर से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित करणी माता मंदिर है, जिसका निर्माण बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने 20 वीं शताब्दी में करवाया था। यह स्थान यहां रहने वाले चूहों की घनी आबादी के लिए जाना जाता हैं। बीकानेर के इस मंदिर में देवी दुर्गा के अवतारों में से एक करणी माता को पूजा जाता है। यह मंदिर लगभग 25,000 से अधिक काले चूहों के लिए जाना जाता। यह मंदिर चूहों के मंदिर के नाम से भी फेमस है। करणी माता के इस मंदिर को पत्थरों और संगमरमर से तराशा गया है। मंदिर में महाराजा गंगा सिंह द्वारा बनवाये गये चांदी के गेट लगे हुए हैं और पक्षियों की मार से चूहों की रक्षा के लिए एक लटकती हुई जाली भी लगाई गयी है।
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  1. गलताजी मंदिर
    गलताजी मंदिर राजस्थान के जयपुर शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बहुत ही खूबसूरत मंदिर है। गलताजी मंदिर अरावली पहाडियों में स्थित पवित्र हिंदू तीर्थ स्थल है। इस मंदिर का निर्माण गुलाबी पत्थरों से करवाया गया है। मंदिर का निर्माण 16 वीं शताब्दी में हुआ था। इस मंदिर में बंदरों की अधिकता है। गलताजी मंदिर की सबसे ख़ास बात यह है कि यह मंदिर सात कुंडों के लिए जाना जाता है, जिसकी प्राकृतिक जलधारा गोमुख से सूरज कुण्ड में जाकर गिरती है। इस पवित्र कुंड में स्नान करने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं।
  2. कालिका माता मंदिर
    कालिका माता मंदिर मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़गढ़ में स्थित बहुत ही प्राचीन मंदिर है। यहां देवी काली की पूजा होती है। कालिका माता मंदिर प्रतिहार राजपूत वंश के शासनकाल में बनवाया गया था। यह मंदिर बेहद ऊंची चट्टान पर स्थित है। चित्तौड़गढ़ का किला भारत की ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संगृहित है और यह भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है।
  3. दिलवाड़ा जैन मंदिर
    दिलवाडा जैन मंदिर राजस्थान के माउन्ट आबू में स्थित बहुत ही आकर्षक जैन मंदिर है। खंभों, पैनलों और दरवाजों पर जटिल संगमरमर की नक्काशी दर्शकों को बहुत मोहित करती है। दिलवाड़ा मंदिर 11 वीं और 13 वीं शताब्दी के बीच जैन के दो प्रमुख मंत्रियों विपुल शाह और वास्तुपाल तेजपाल द्वारा बनाया गया
  4. श्री महावीर जी मंदिर
    राजस्थान के जैन मंदिरों में से एक प्रसिद्ध करौली में स्थित श्री महावीर जी मंदिर है। श्री महावीर जी जैन मंदिर के क्षेत्र में पांच मंदिर अथियाक्षेत्र श्री महावीर जी, भगवान पार्श्वनाथ जिनालय, शांतिनाथ जिनालय और कीर्ति आश्रम चैत्यालय स्थित है। ये सभी मंदिर अपनी अलग विशेषता रखते है। इन सभी मंदिर की बनावट पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है।
  5. अचलेश्वर महादेव मंदिर
    अचलेश्वर महादेव मंदिर राजस्थान के सिरोही में स्थित है। यह मंदिर एक किले की संरचना की भांति दिखाई देता है। इस मंदिर का निर्माण परमार वंश के शासकों द्वारा 9 वीं से 14 वीं शताब्दी में करवाया गया था। इस मंदिर में एक विशाल शिव लिंग के साथ भगवान नंदी की पांच धातु से निर्मित बहुत आकर्षक प्रतिमाएं स्थापित है। मंदिर के क्षेत्र में एक गड्ढा है, जो पौराणिक कथाओं के अनुसार नर्क में जाने का मार्ग कहलाता है। अचलेश्वर महादेव मंदिर आकर्षण और आश्चर्य का घर है, जिसमे एक छोटा तालाब भी स्थित है जिसमे तीन जल भैंसे की प्रतिमाएं है।
  6. रानी सती मंदिर
    रानी सती मंदिर राजस्थान के प्रमुख प्रसिद्ध मंदिरों (Temples Of Rajasthan) में से एक है, जो राजस्थान के झुंझनू में स्थित है। हिन्दू पौराणिक कथाओं में ऐसा माना जाता है कि रानी सती ने अपने पति की मृत्यु के बाद आत्मदाह कर लिया था। तब से ही रानी सती राजस्थान के इतिहास में दादी जी के नाम से प्रसिद्ध हैं। रानी सती मंदिर संगमरमर से बना हुआ बहुत ही सुन्दर मंदिर है। रानी सती की वीरता और बहादुरी के किस्से आज भी राजस्थान में लोकप्रिय चर्चाओं में स्थापित है।
  7. बुलेट बाबा मंदिर
    राजस्थान के जोधपुर शहर में बहुत ही आश्चर्यजनक मंदिर बुलेट बाबा मंदिर स्थित है। राजस्थान के राजा महाराजाओं का शहर होने के साथ साथ जोधपुर कई चमत्कारों का भी शहर है। राजस्थान की पुरानी कहानियों में इस मंदिर की कहानी का वर्णन किया गया है। परन्तु हर कोई इस अन्धविश्वाश में विश्वाश नही रख पाता है। जो भी भक्तजन इस मंदिर में रॉयल बुलेट मोटर साइकिल, जो 350 सीसी स्थापित है इसके दर्शन करने आते है। इस मंदिर में फूल, कुमकुम, जल इत्यादि के अलावा शराब भी चढ़ाई जाती है।
  8. बीसलदेव मंदिर
    राजस्थान का बीसलदेव मंदिर अपने स्तंभों की बनावट के कारण बहुत ही आकर्षक मंदिर बन गया है। बीसलदेव मंदिर राजस्थान के पाली जिले में बीसलपुर बाँध के पास स्थित है। बीसलदेव मंदिर भगवान गोकर्णेश्वर, जो शंकर भगवान के रूप है के लिए समर्पित है। इस मंदिर में शिवलिंग स्थित है।
  9. त्रिनेत्र गणेश जी का मंदिर
    त्रिनेत्र गणेश मंदिर राजस्थान के प्रमुख मंदिरों (Temples Of Rajasthan) में से एक है। त्रिनेत्र गणेश मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर से लगभग 10 किलोमीटर दूर रणथम्भौर किले में स्थित है। यह मंदिर बहुत ही शानदार है। इस मंदिर में भगवान गणेश अपने पूरे परिवार के साथ विराजमान है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस मंदिर में पांच आरती की जाती है, जिससे भक्तजनों के मन को बहुत सुकून मिलता है।
  10. सूर्य नारायण मंदिर
    राजस्थान के प्रमुख मंदिरों (Temples Of Rajasthan) में से एक झालावाड़ जिले में सूर्य नारायण मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण प्रतिहार राजपूत वंश के राजा नागभट्ट द्वारा करवाया गया था। सूर्य भगवान को समर्पित सूर्य नारायण मंदिर इतना आकर्षक है कि इसकी वास्तुकला का अन्य कही भी कोई उदाहरण नही मिल सकता है। प्राचीन सूर्य नारायण मंदिर में भगवान सूर्य को विष्णु भगवान के अवतार के रूप में पूजा जाता है।
  11. सालासर बालाजी मंदिर
    सालासर बालाजी मंदिर राजस्थान के प्रमुख तीर्थ स्थलों (Temples Of Rajasthan) में से एक है, जो राजस्थान के चूरू में स्थित है। भगवान हनुमान जी का यह मंदिर अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है। चैत्र पूर्णिमा और अश्विन पूर्णिमा के अवसरों के दौरान इस मंदिर में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है। हिन्दू पौराणिक कथाओं में ऐसा कहा जाता है कि मेहंदीपुर गाँव राक्षसों से परेशान था। एक दिन पुजारी जी को एक सपना आया था, जिसमें भगवान हनुमान ने उन्हें विशेष रूप से चुने हुए क्षेत्र में अरावली पहाड़ियों की खुदाई करने को कहा था। इस खुदाई में प्रताप राजा और श्री राम की मूर्तियों के साथ-साथ हनुमानजी की एक बचपन की मूर्ति का पता चला। तबसे यह मंदिर इस क्षेत्र की शान बना हुआ है।
  12. परशुराम महादेव मंदिर
    परशुराम महादेव मंदिर राजस्थान के पाली में स्थित भगवान भोलेनाथ को समर्पित बहुत ही आकर्षक मंदिर है। इस मंदिर में एक गुफा है, जिसे अमरनाथ गुफा के नाम से जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि अमरनाथ की गुफा को भगवान परशुराम ने अपनी कुल्हाड़ी से खोदा था। परशुराम मंदिर गुफा के ऊपर स्थित है और गुफा में जाने के लिए लगभग 500 सीढियाँ उतरनी होती है। इस मंदिर की एक ख़ास बात यह भी है कि यहाँ 9 कुण्ड है जो कभी नही सूखते है।
  13. रणकपुर जैन मंदिर
    रणकपुर जैन मंदिर राजस्थान के उदयपुर शहर से लगभग 90 किमी की दूरी पर स्थित एक अद्भुत मंदिर है। यह मंदिर जैन इतिहास के प्रथम तीर्थकर भगवान आदिनाथ की 6 फीट ऊँची प्रतिमा के लिए लोकप्रिय है। इस मंदिर के चारों ओर सूर्य मंदिर, चौमुखा मंदिर, पार्श्वनाथ मंदिर और अंबा माता मंदिर स्थित है।
  14. नीलकंठ मंदिर
    अलवर जिले के राजगढ़ तहसील में स्थित नीलकंठ मंदिर भगवान शिव के निवास के लिए प्रसिद्ध है, जो उनके नीलकंठ अवतार को समर्पित है। बता दे की मंदिर का निर्माण छठी और 9वीं शताब्दी के बीच महाराजा धिराज मथानदेव द्वारा किया गया था, जिसकी संरचना समय के साथ-साथ जीर्ण-शीर्ण हो गई है। मंदिर का एक बड़ा हिस्सा अब क्षतिग्रस्त हो गया है, जबकि थोड़ा हिस्सा अभी भी बरकरार है। फिर भी यह भगवान शिव के भक्तों के बीच एक अत्यधिक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बना हुआ है। मंदिर की दीवारें मूर्तियों से सुशोभित हैं जो मिनी खजुराहो कामुक शैली में निर्मित हैं।
  15. तनोट माता मंदिर
    तनोट माता मंदिर राजस्थान के प्रमुख दर्शनीय और आकर्षक मंदिरों में से एक है। यह मंदिर जैसलमेर से 120 किलोमीटर दूर स्थित है। देवी हिंगलाज के अवतार तनोट माता को समर्पित यह मंदिर हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक बना हुआ है। यह मंदिर बहुत ही शांत और विनम्र प्रवित्ति का है। भारत-पकिस्तान की सीमा पर स्थित इस मंदिर के पास सन 1965 में कई बम बारी हुई थी परन्तु माता तनोट ने इस मंदिर की स्वयं रक्षा की जिससे ये आज भी सुरक्षित है।
  16. एकलिंगजी मंदिर
    एकलिंगजी मंदिर उदयपुर में स्थित राजस्थान के प्रमुख धार्मिक तीर्थ स्थलों (Temples Of Rajasthan) में से एक है। मंदिर के आकर्षण का मुख्य कारण इसमें स्थित एक शिवलिंग है, जिसे चांदी के साँप से सजाया जाता है। इस विशाल 2 मंजिला मंदिर का निर्माण 8 वीं शताब्दी में बप्पा रावल द्वारा किया गया था।

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