इतने साल में बनी फिल्म,एक्टर को बेचना पड़ा फ्लेट और प्रॉपर्टी,कार भी गयी,रिलीज होते ही बनी हॉरर नंबर 1

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मुंबई: 2018 में एक फिल्म रिलीज हुई थी, जो इतनी डरावनी थी कि इसे देखते समय दर्शकों के होश उड़ गए थे. यह फिल्म अब भारत की नंबर 1 हॉरर फिल्म बन गई है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म को बनाने में फिल्म निर्माता को 7 साल लग गए थे? इतना ही नहीं इस फिल्म को बनाने के लिए फिल्म के प्रोड्यूसर को अपना फ्लैट, प्रॉपर्टी और अपनी कार भी बेचनी पड़ी थी. हम बात कर रहे हैं अक्टूबर 2018 में रिलीज हुई हॉरर फिल्म ‘तुंबाड’ की, जो रिलीज होने के बाद काफी चर्चा में रही थी। लेकिन, फिल्म को बनने में इतना वक्त लग गया कि फिल्म से जुड़े एक्टर्स, प्रोड्यूसर्स और डायरेक्टर्स को भी कई प्रोजेक्ट्स छोड़ने पड़े।

इस बात का खुलासा खुद फिल्म के एक्टर सोहम शाह ने किया है. आजतक से बातचीत में एक्टर ने अपनी फिल्म के बारे में खुलकर बात की. जहां एक तरफ ‘तुम्बाड’ भारत की टॉप हॉरर फिल्मों की लिस्ट में शामिल है, वहीं दूसरी तरफ सोहम शाह इसे हॉरर फिल्म नहीं मानते हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में सोहम शाह ने तुम्बाड को बनाने में लगे समय और इस दौरान आने वाली समस्याओं के बारे में खुलकर बात की और यह भी कहा कि तुम्बाड कोई डरावनी फिल्म नहीं है।

एक इंटरव्यू में इस पर चर्चा करते हुए सोहम शाह ने कहा- ‘तुम्बाड कोई अलग विषय नहीं है. इसे दर्शकों का खूब प्यार मिला, लेकिन ईमानदारी से कहूं तो मैं इसे पूरी तरह हॉरर फिल्म नहीं मानता। इस फिल्म में हॉरर केवल एक तत्व है। अगर आप तुम्बाड का मुख्य भाग देखेंगे तो आपको उन कहानियों जैसा महसूस होगा जो दादी सुना करती थीं।

सोहम शाह ने आगे कहा- ‘मुझे उम्मीद नहीं थी कि फिल्म को दर्शकों से ऐसा रिस्पॉन्स मिलेगा. दर्शकों ने इस पर जबरदस्त प्रतिक्रिया दी. यह मेरे लिए बहुत कठिन फिल्म थी।’ इस पर काम करते समय कई बार मुझे इसे बंद करने का मन हुआ. लेकिन फिर अंदर ही अंदर सोचता हूं कि अगर मैं इसे नहीं बनाऊंगा तो कौन बनाएगा? यही वजह थी कि मैं इस फिल्म को 7 साल में पूरा कर पाया।’ इस दौरान मुझे कई प्रोजेक्ट्स छोड़ने पड़े. लेकिन, इसे रिलीज हुए पांच साल हो गए हैं, लेकिन आज भी लोग इसके बारे में बात करते हैं और मुझे यह देखकर बहुत अच्छा लगता है।

तुम्बाड अक्टूबर 2018 में रिलीज़ हुई थी। (फोटो साभारः फिल्म पोस्टर)
सोहम ने आगे कहा- ‘तुम्बाड बनाते समय मैं आर्थिक रूप से बर्बाद हो गया था। 7 साल के अंदर मुझे अपना घर बेचना पड़ा। फिर धीरे-धीरे कुछ और प्रॉपर्टी बेचनी पड़ी और आख़िरकार स्थिति ऐसी बनी कि कार भी बेचनी पड़ी। जब मैं छोटा था तो अक्सर सुनता था कि राज कपूर ने फिल्में बनाने के लिए अपना घर तक बेच दिया। पहले तो मुझे लगा कि ये सब झूठ है. लेकिन, अब मुझे विश्वास है कि ये सब संभव है.