राजस्थान के राजसमंद जिले में एक नाथद्वारा नाम का कस्बा है. इस कस्बे में 369 फुट ऊंची शिव की मूर्ति बनी है. और शिव प्रतिमा का लोकार्पण शनिवार को होने वाला है. “विश्वास स्वरूप” शिव की इस प्रतिमा को देखकर ऐसा माना जा रहा है कि यह भगवान शिव की ध्यान मुद्रा वाली प्रतिमा दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा होगी. इस प्रतिमा का लोकार्पण कार्यक्रम राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा और कथा वाचक मुरारी बापू, योग गुरु बाबा रामदेव, विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी, की उपस्थिति में होने वाला है. आपको यह जानकर बहुत ही हैरानी होगी कि शिव की इस प्रतिमा के अंदर 1 गांव बसाया जा सकता है आइए जानते हैं इस प्रतिमा के बारे में
9 दिन तक चलेगा कार्यक्रम
शिव की इस प्रतिमा का निर्माण नाथद्वारा में तत पदम संस्थान के द्वारा किया गया है और संस्था के ट्रस्टी मदन पालीवाल ने बताया है कि प्रतिमा का उद्घाटन 29 अक्टूबर को होगा और धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्यक्रम लगातार 9 दिन तक चलेंगे. इस 9 दिन के कार्यक्रम में मुरारी बापू द्वारा राम कथा का पाठ किया जाएगा. कार्यक्रम के प्रवक्ता जय प्रकाश माली ने बताया है कि भगवान शिव की इस प्रतिमा को ध्यान और अल्लड की मुद्रा में बनाया गया है.
इस प्रतिमा की अनोखी बातें
माली ने कहा है कि इस शिव प्रतिमा में बहुत ही ज्यादा अनोखी बातें हैं. यह 369 फुट लंबी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी. इस प्रतिमा में लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए कमरे बनवाए गए हैं. इन्होंने कहा है कि शिव की प्रतिमा में सबसे ऊपर जाने के लिए इस प्रतिमा के अंदर 4 लिफ्ट और 3 सीढ़ियां बनी हुई है. इस प्रतिमा को बनाने में 10 वर्ष का समय लग गया है और 3000 टन स्टील और लोहा. इसके साथ साथ दो लाख के करीब क्यूबिक टन का इस्तेमाल किया गया है. शुरुआत में इस प्रतिमा की नीव साल 2012 में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मुरारी बापू की मौजूदगी में रखी गई थी. राजसमंद उदयपुर से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा
यह शिव प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा में शामिल की गई है.आपको बता दे कि शिव प्रतिमा में नेपाल के कैलाशनाथ 143 फीट, कर्नाटक के मुरुदेश्वर 123 फ़ीट, तमिलनाडु के आदि योग मंदिर 112 फ़ीट ऊँचे है.आज के समय में नाथद्वारा मेवाड़ के महाराणा राज सिंह द्वारा बनाया गया श्रीनाथजी के मंदिर के कारण जाना जाता है.