आज एक नवंबर ही चुका है और आज से कई सारे बदलाव होने जा रहे है. आज सरकार कुछ अहम नियमों में बदलाव होगा, जिसका असर आम आदमी की जेब के साथ साथ उसके जीवन पर भी पड़ेगा. नया महीना शुरू होने के साथ साथ ही सभी चीजों से जुड़े नियम बदल जाएंगे. जिसमे गैस सिलेंडर के दाम, भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेनों के समय में बदलाव और इंश्योरेंस संबंधी नियमों में भी बदलाव देखने को मिलेगा.
गैस की कीमतों में बदलाव
1 नवंबर से सी पेट्रोलियम कंपनियों की तरफ गैस सिलेंडर की कीमत में बदलाव करके नई कीमत घोषित की जाएगी. हर महीने पेट्रोलियम कंपनियां घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव करती है. जहां अक्टूबर महीने में पेट्रोलियम कंपनियों ने गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी करके आम आदमी को राहत प्रदान की थी. लेकिन इस बार अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमतों में उछाल देखने को मिला है. इसलिए शायद गैस की कीमत बढ़ सकती है.
OTP से सिलेंडर डिलीवरी
गैस कीमतों में बदलाव के साथ ही इसकी डिलीवरी के नियम भी बदल रह रहे है. एक नवंबर से गैस सिलेंडर की डिलीवरी लोगों को वन टाइम पासवर्ड के जरिये की जाएगी. अब से ग्राहकों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा और डिलीवरी ब्वॉय उसी को मिलान करने के बाद ग्राहक को सिलेंडर डिलीवर करेगा.
इंश्योरेंस क्लेम से जुड़ा नियम
1 नवंबर से बीमा धारकों के लिए भी नियमों में बदलाव होने जा रहा है. अब से बीमा धारकों को केवाईसी की डिटेल देना जरूरी हो जाएगा. अभी तक इस पर कोई पाबंदी नहीं है लेकिन नवंबर महीने की शुरुआत से इसमें भी बदलाव किया जा सकता है. इससे साफ हो गया है कि अगर आपने इंश्योरेंस क्लेम करने से पहले KYC डिटेल नहीं दी है तो आपका क्लेम रद्द किया जा सकता है.
बिजली सब्सिडी का नियम बदलेगा
अगर आप देश की राजधानी दिल्ली में रहते हैं और अगर बिजली सब्सिडी का फायदा उठा रहे हैं तो उसमें भी आपको बदलाव देखने को मिलेगा जो आम आदमी के लिए भारी पड़ सकता है. जो लोग बिना आवेदन के ही बिजली सब्सिडी का लाभ उठा रहे हैं. उनके लिए बिजली सब्सिडी रद्द कर दी जाएगी. 31 अक्टूबर 2022 से पहले दिल्ली निवासियों को 200 यूनिट तक की फ्री बिजली के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी था.
GST Return Code
इसके साथ ही नवंबर के महीने से जीएसटी रिटर्न के नियमों में बदलाव हो रहा है. 5 करोड़ से कम टर्नओवर वाले करदाताओं को 4 अंकों का एचएसएन कोड लिखना जरूरी होगा. इससे पहले सिर्फ 2 अंकों का एचएसएन कोड ही डाला जाता था. लेकिन 5 करोड़ रूपये से ज्यादा के टर्नओवर के करदाताओं के लिए अप्रैल 2022 तक 4 अंकों का एचएसएन कोड था और उसके बाद अगस्त 2022 से 6 अंकों का एचएसएन कोड अनिवार्य कर दिया गया था.